Sapiens: A Brief History of Humankind/ sapiens hindi pdf download

 


Sapiens: A Brief History of Humankind(सैपियन्स: ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ़ ह्यूमनइंड) 


  DESCRIPTION OF BOOK

Particulars
(विवरण)
Details (Size, Writer, Lang. Pages
(आकारलेखकभाषा,पृष्ठ की जानकारी)
पुस्तक का नाम (Name of Book) 

सैपियन्स: ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ़ ह्यूमनइंड

 (Sapiens: A Brief History of Humankind Pdf
)
पुस्तक का लेखक (Name of Author) युवाल नूह हरारी (

yuval noah harari)

पुस्तक की भाषा (Language of Book)हिंदी (Hindi) 
पुस्तक का आकार (Size of Book)44.5MB
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook)546
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book)
Non-fiction, History, Philosophy, Psychology, Science, 
Biology.


ABOUT BOOOK

 100,000 साल पहले, कम से कम छह मानव प्रजातियां पृथ्वी पर निवास करती थीं। आज बस एक है। हमें। होमो सेपियन्स।

प्रभुत्व की लड़ाई में हमारी प्रजाति कैसे सफल हुई? हमारे पूर्वज शहर और राज्यों को बनाने के लिए एक साथ क्यों आए? हम देवताओं, राष्ट्रों और मानवाधिकारों में कैसे विश्वास करते हैं; पैसे, किताबों और कानूनों पर भरोसा करना; और नौकरशाही, समय सारिणी और उपभोक्तावाद से गुलाम होने के लिए? और आने वाले सदियों में हमारी दुनिया कैसी होगी?

 

Sapiens में, डॉ। युवल नोआह हरी ने मानव इतिहास का पूरा विस्तार किया, पहले मानव से पृथ्वी तक चलने के लिए - और कभी-कभी विनाशकारी - संज्ञानात्मक, कृषि और वैज्ञानिक क्रांतियों की सफलताएं। जीव विज्ञान, नृविज्ञान, जीवाश्म विज्ञान और अर्थशास्त्र से अंतर्दृष्टि पर आकर्षित, वह इस बात की पड़ताल करता है कि इतिहास की धाराओं ने हमारे मानव समाज, हमारे आसपास के जानवरों और पौधों और यहां तक ​​कि हमारे व्यक्तित्वों को कैसे आकार दिया है। क्या हम खुश हो गए हैं क्योंकि इतिहास सामने आया है? क्या हम कभी कर सकते हैं?



BOOK REVIEW



 करीब 100,000 साल पहले धरती पर मानव की कम से कम छह प्रजातियां बसती थीं, लेकिन आज स़िर्फ हम (होमो सेपियन्स) हैं। प्रभुत्व की इस जंग में आख़िर हमारी प्रजाति ने कैसे जीत हासिल की? हमारे भोजन खोजी पूर्वज शहरों और साम्राज्यों की स्थापना के लिए क्यों एकजुट हुए? कैसे हम ईश्वर, राष्ट्रों और मानवाधिकारों में विश्वास करने लगे? कैसे हम दौलत, किताबों और कानून में भरोसा करने लगे? और कैसे हम नौकरशाही, समय-सारणी और उपभोक्तावाद के गुलाम बन गए? आने वाले हज़ार वर्षों में हमारी दुनिया कैसी होगी? इस किताब में इन्हीं रोचक सवालों के जवाब समाहित हैं।




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